ताजमहल मुगल वास्तुकला का सबसे उत्कृष्ट नमूना है। मोहब्बत की इस निशानी को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए बनाया था। दुनियाभर से करोड़ों की संख्या में पर्यटक ताजहमल देखने के लिए आगरा आते हैं। हर प्रेमी जोड़े की ख्वाहिश होती है कि वह ताजमहल जाकर अपनी प्रेमिका के साथ तस्वीर खिंचवाए। इश्क की इस निशानी को निहारे, संगमरमर की इमारत की खूबसूरती को अपनी स्मृतियों में कैद कर लें।
[caption id="attachment_1275" align="aligncenter" width="800"] रोचक बातें ताजमहल के बारे में[/caption]
आपको ताजमहल के बारे में 10 रोचक बातें बताते हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी।
- ताजमहल के निर्माण में 22 साल लगे थे।
- 22,000 से ज्यादा मजदूरों ने ताजमहल के निर्माण में काम किया था।
- 1,000 हाथियों के जरिए ताजमहल के निर्माण सामग्री को लाया गया था।
- ताजमहल के निर्माण में उस वक्त 3.2 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
- ताजमहल के निर्माण के लिए विभिन्न एशियाई देशों से बहुमूल्य पत्थरों को लाया गया था।
- 28 तरह के रत्नों को श्रीलंका से लेकर चीन और भारत के विभिन्न राज्यों से लाया गया था।
- संगमरमर के सफेद पत्थर को राजस्थान से लाया गया था।
- तिब्बत से नीला रत्न, श्रीलंका से पन्ना, पंजाब से जैस्पर और क्रिस्टल को चीन से मंगाया गया था।
- ताजमहल की वास्तु शैली में फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है।
- ताजमहल का निर्माण 1632 ईश्वी में शुरू हुआ था और 1653 में गुम्बद बनकर तैयार हुआ।
अगर आप भी मुहब्बत की इस सबसे विश्व प्रसिद्ध निशानी को देखना चाहते हैं तो ताजमहल जरूर जाएं। आप दिल्ली में रहते हैं तो सिर्फ ताज एक्सप्रेस हाईवे से सिर्फ साढ़े तीन घंटे में आगरा पहुंच सकते हैं। Source - AmarUjala